Success Story: दिव्यांगता के बावजूद, परवीन हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहती हैं.उनकी दिनचर्या न केवल खुद की समस्याओं से जूझने में गुजरती है, बल्कि समाज के लिए कुछ नया और बेहतर करने की सोच में भी. उनकी इस लगन और निस्वार्थ सेवा को देखते हुए उन्हें समाज की "योद्धा" कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
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