क्या मीडिया या सीबीआई सचमुच में सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाना चाहती है?


https://hi.quora.com/ सुशांत सिंह राजपूत की मौत अभी राष्ट्रीय हेडलाइन है।यह मामला कोविद 19 से भी ज्यादा अहम हो गया है।खासकर un रिपब्लिक चैनल वाले गला फाडू मालिक के लिये।इसकी दो खास वजहें हैं।

पहला यह के ऐसे मामलों को सनसनीखेज बनाकर प्रस्तुत करने से चैनलों की TRP बढ़ती है।शायद ऐसे ही खबरों की वजह से अल्प समय में Un Republic भारत चैनल ने आजतक जैसे चैनल को पछाड़कर नम्बर वन का दर्जा हासिल कर लिया।

दूसरा कारण राजनीतिक है।महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने से भाजपा बुरी तरह बौखलाई हुई है।मुम्बई भारत की आर्थिक राजधानी है और अधिकांश राजनीतिक दलों की खुराक वहीं से मिलती है।भाजपा ने पैसे का इस्तेमाल कर सत्ता पाई है और सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर गिनाने को कुछ खास नहीं है।अगर मुम्बई में भाजपा की सरकार नहीं बनती है तो उसे आलीशान प्रचार के लिये धन कहां से आएगा।दूसरी परेशानी अपने समर्थक उद्योगपतियों के पाला बदलने की भी है।मुम्बई में जिसकी सरकार रहेगी उसकी बात वहां बैठे हर उद्योगपति को माननी पड़ेगी।इसलिये सुशांत सिंह राजपूत के बहाने वह शिवसेना को घेरना चाहती है।इस घटना में जिस तरह आदित्य ठाकरे के संलिप्तता की खबरें मीडिया चैनलों ने चलाई उससे यह साफ होता है कि अमित शाह की निगाहें कहाँ टिकी हैं।अगर सीबीआई किसी तरह आदित्य ठाकरे को इस मामले के साथ जोड़ने में कामयाब हो जाती है तो उसे दो फायदे होंगे।

पहला यह के पुत्र मोह में उद्धव ठाकरे मजबूरन एनडीए की ओर मुड़ने को मजबूर होंगे।दूसरे वो बार्गेन करने की स्थिति में नहीं होंगे।

स्थिति जो भी बनती हो,सुशांत सिंह राजपूत को न्याय मिल पायेगा इसमें संदेह है।जैसा कि हम देख रहे हैं कि सीबीआई मौत की जांच करते करते ड्रग्स खोजने लगी है इससे यह स्पष्ट होता है कि सीबीआई अपने आकाओं के इशारे पर चल रही है।उसका निशाना कहीं और है और फिलवक्त वो अंधेरे में तीर मार रही है।

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